Fixed deposit क्या होता है?

Author: in जनवरी 23, 2021

नमस्कार दोस्तों हमारे वेबसाइट में आपका बहुत-बहुत स्वागत है। दोस्तों आज का यह आर्टिकल बहुत ही कमाल का होने वाला है क्योंकि आज हम "Fixed deposit क्या होता है?इस विषय में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे। जिसके विषय में आप सभी लोगों को जानकारी प्राप्त करना अनिवार्य है। तो चलिए दोस्तों इस विषय में विस्तार पूर्वक जानकारी प्राप्त करते हैं।

fixed deposit kya hota hai in hindi

Fixed deposit क्या होता है?

फिक्स डिपाजिट को आप एक तरह का इन्वेस्टमेंट भी कह सकते हैं जोकि कोई भी बैंक अथवा नॉन बैंकिंग financing company मुहैया कराती है। Fixed deposit मैं इंटरेस्ट रेट सामान्य सेविंग अकाउंट के मुकाबले थोड़ी ज्यादा होती है। 

अर्थात सामान्य शब्दों में कहे तो अगर आपके पास पैसे हैं और आप उसे किसी ऐसी जगह पर इन्वेस्ट करना चाहते हैं जहां से आपको हाय रिटर्न मिले साथ ही डूबने का बिल्कुल भी डर ना हो। ऐसे केस में आप फिक्स डिपाजिट यूज कर सकते हैं। यह आपके लिए सबसे अच्छी स्कीम होगी। FD मैं आपको किसी तरह का रिस्क नहीं होता है आपने जो पैसे डाले हैं, वह पैसे आपको मिलेंगे ही मिलेगी साथ ही इंटरेस्ट के तौर पर कुछ और धनराशि भी प्राप्त हो सकती है। यहां पर आपको नॉरमल सेविंग अकाउंट से कुछ प्रतिशत ज्यादा interest rate देखने को मिलेंगी। चुकी इस पैसे को आपने एक समय के लिए किसी फाइनेंसियल कंपनी को दे दिया है। वह समय पूरा होने तक आप उस पैसे को निकाल नहीं सकते, हालांकि निकाल तो सकते हैं पर उस केस में आपको अलग से मिलने वाली इंटरेस्ट रेट नहीं मिलेगी। 

FD करने की सुविधा कौन देता है।

जैसा कि आपने पहले पढ़ा फिक्स डिपाजिट, बैंक, नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी अथवा पोस्ट ऑफिस कराती है। भारत में फिक्स डिपाजिट कराने के लिए लोगों के पास बहुत सारे विकल्प हैं। Fixed deposit कोई भी करा सकता है चाहे उसके पास बैंक अकाउंट हो या ना हो जिनके पास बैंक अकाउंट ना हो वह पोस्ट ऑफिस में फिक्स डिपॉजिट करा सकते हैं। किसी आदमी को फिक्स डिपाजिट कर आने से पहले एक बार जांच जरूर कर लेनी चाहिए कि उन्हें कौन सी कंपनी या कौन सी बैंक सबसे ज्यादा इंटरेस्ट दे रही है। साथ ही यह भी देख लेनी चाहिए कि उस बैंक की पुरानी रिकॉर्ड क्या है। क्या आज तक उस बैंक देख किसी भी व्यक्ति से कभी फ्रॉड तो नहीं किया? अर्थात मेरे कहने का यह मतलब है कि आपको अपने पसंदीदा बैंक की रेपुटेशन देख लेनी चाहिए। 

Fixed Deposit के प्रकार।

फिक्स डिपाजिट कई प्रकार के होते हैं, जो कि आपको जाना जरूरी है ताकि आप किसी गलत जगह अपने पैसे ना कर दे।

1. Corporate fixed deposits

Corporate fixed Deposit वह डिपाजिट है जिसे एक फाइनेंसियल कंपनी (बैंकों को छोड़कर) मुहैया कराती है  बिल्कुल उसी तरह जिस तरह से एक बैंक। यह कंपनीया भी आपको विश्वास दिलाती है कि आपके पैसे उनके पास सुरक्षित है। और अच्छी बात यह होती है कि यह कंपनियां आपको बैंकों से ज्यादा इंटरेस्ट रेट देने का वादा करती है। यह कंपनियां भी आपसे एक फिग्स समय के लिए आपके पैसे ले लेते हैं। 

2. Standard fixed deposits

Standard fixed deposits वह डिपाजिट होता है जहां हम अपने पैसे एक फ्रिज समय के लिए डाल देते हैं और जब वह समय समाप्त होती है तो हमें मूल्य और उसके साथ उसकी इंटरेस्ट राशि निकालने की अनुमति होती है। 

3. Senior citizen fixed deposit

Senior citizen fixed deposit एक तरह का फिक्स डिपाजिट होता है जिसमें 60 साल के ऊपर के व्यक्ति भी इन्वेस्ट कर सकते हैं। यहां पर इंटरेस्ट रेट स्टैंडर्ड फिक्स डिपाजिट के मुकाबले ज्यादा होती है। 

4. Tax-saving fixed deposit

अगर किसी इन्वेस्टमेंट की प्राथमिकता टैक्स बचाने की है तो वह Tax-saving fixed deposit मैं इन्वेस्ट कर सकते हैं। हालांकि इसमें कुछ रोक लगी हुई है जैसे कि आप साल भर में केवल 1.5 लाख रुपए ही इन्वेस्ट कर सकते हैं। इन सब की लॉक इन पीरियड 5 वर्ष की होती है। 

5. Cumulative fixed deposit

Cumulative fixed deposit ऐसे फिक्स डिपाजिट को कहते हैं जिनकी इंटरेस्ट मासिक, सालाना, अर्धवार्षिक चक्रवृद्धि ब्याज के दर पर बढ़ती है। हालांकि इस पैसे को मेच्योरिटी पीरियड से पहले नहीं निकाल सकते। 

6. Non-cumulative fixed deposit

Non-cumulative fixed deposit ऐसे फिक्स डिपाजिट को कहते हैं जहां पर इंटरेस्ट आपको हर महीने, हर साल जिस तरह से भी आपको चाहिए वह आपको मिलती है। यह डिपाजिट 2 लोगों के लिए सबसे अच्छी होती है जिन्हें एक regular source of income की जरूरत होती है। सबसे ज्यादा पेंशन लेने वाले लोगों को इसका लाभ मिलता है। 

Fixed deposit के दर।

Fixed deposit मैं कोई भी fixed rate नहीं होती। Fixed deposit के दर बैंकों तथा फाइनेंसियल कंपनियों पर निर्भर करता है। हर एक बैंक अलग-अलग दर प्रदान करती है। 

हालांकि दर उम्र पर भी निर्भर करता है, जैसे कि अगर किसी व्यक्ति की आयु 60 साल या उससे ऊपर है तो उन्हें interest rate अधिक मिलेंगी। 

इंटरेस्ट रेट्स पर भी निर्भर करता है कि वह व्यक्ति अपने पैसे को कितने सालों के लिए या फिर कितने समय के लिए FD किया है। तथा बैंकों अथवा फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन पर भी निर्भर करता है। साथ ही वह व्यक्ति किस प्रकार के एफडी करा रहा है यह एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है किसी भी दर को तय करने में।

Fixed Deposit करने के लिए योग्यता।

यह रही निम्नलिखित सूची जिसे भारत में फिक्स डिपाजिट कराने की अनुमति है।

1. Indian resident

2. NRI

3. Individuals or joint investors (2 or more individuals)

4. Senior citizens

5. Minors

6. Sole proprietorship

7. Societies or clubs

8. Companies

9. Partnership firms

आवश्यक कागजात एक fixed deposit कराने के लिए।

 पहचान पत्र (कोई भी)

1. Driving licence

2. पासपोर्ट

3. वोटर आईडी

4. पैन कार्ड

5. आधार कार्ड

मूल प्रमाण पत्र (कोई भी)

1. बिजली बिल

2. Telephone bill

3. पोस्ट ऑफिस के द्वारा जारी किया हुआ आईडी


Senior citizen और बच्चों को Age proof देना अनिवार्य है जिस में शामिल है दसवीं का प्रमाण पत्र, बर्थ सर्टिफिकेट इत्यादि।


Lock-in Period क्या होता है?

आसान भाषा में अगर कहे तो Lock-in Period उस समय को बोलते हैं, जितने समय के लिए आपके पैसे fixed deposit में पड़े हैं। इस समय में इन्वेस्टर अपने पैसे को नहीं निकाल सकते। 

Tax-saving fixed deposit वालों के लिए मेच्योरिटी पीरियड से पहले पैसे निकालना सख्त मना है। 

हालांकि बाकी सभी तरह के FD को तोड़ना मुमकिन है लेकिन उसके लिए आपको कुछ जुर्माना भरना पड़ता है। यह जुर्माना अलग-अलग बैंकों के लिए अलग अलग होता है। 

Fixed Deposit के फायदे।

Fixed Deposit के कई सारे फायदे हैं उनमें से कुछ मैं आपको आज बताने वाला हूं। 

1. यहां आपको किसी भी तरह की risk का सामना नहीं करना पड़ता।

2. यहां आपको आपके मन के मुताबिक समय चुनने का विकल्प मिलता है। आप 7 दिन से लेकर 10 साल तक के FD करा सकते हैं।

3. यह आपके लिए एक साइड सोर्स ऑफ इनकम का काम करती है। 

Fixed Deposit के नुकसान।

1. यहां पर आपको एक तय दर देखने को मिलती है।

2. आपका पैसा एक सीमित समय के लिए बंद हो जाता है। 

3. समय से पहले अगर आप अपने पैसे निकालते हैं तो आपको आपके अपने पैसे को प्राप्त करने के लिए जुर्माना भरना पड़ता है।

4. यह आपको किसी भी तरह के टैक्स में छूट नहीं मिलती है।

निष्कर्ष

आज हमने जाना कि फिक्स डिपाजिट क्या होती है, फिक्स डिपाजिट कितने तरह की होती है, फिक्स डिपाजिट कराने की सुविधा कौन देता है फिक्स डिपाजिट कराने के लिए योग्यता क्या क्या होती है, लॉक इन पीरियड क्या होता है, फिक्स डिपाजिट के फायदे और फिक्स्ड डिपॉजिट के नुकसान। ऐसे ही कमाल कमाल के आर्टिकल्स पढ़ने के लिए हमारे वेबसाइट को जरूर विजिट करें। और अगर आपको हमारे आर्टिकल्स पसंद आते हैं, तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें, ताकि उन्हें भी इन सब चीजों के बारे में ज्ञान प्राप्त हो धन्यवाद!



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